मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।
गर कुहासा हो तेरे चारो तरफ
बन किरन रोशनी की
तेरे संग मैं चलूँ।
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।
गर निराशा तुझे रोक ले राह में
दीप आशा का बन
पथ मैं रोशन करूँ।
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।
चलते-चलते जो तेरे कदम थक गये
बाँहों को थाम तेरी
हमसफ़र मैं बनूँ।
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।
मंद हो जब गति तेरी साँसों की
धड़कन बन मैं तेरी
तुझमें धड़का करूँ।
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।
जीवन के इस सफ़र में मैं रहूँ न रहूँ
रूह बन मैं तेरी
तुझमें जीवित रहूँ।
मैं कौन हूँ
तुझसे मैं ये कहूँ
साथ तेरे सदा हर जगह मैं रहूँ।