बिटिया

हे प्रभु ! हे परमात्मा !
हर घर में बिटिया तो दीजो
बिटिया के साथ साथ
उसकी किस्मत भी लिख दीजो
लिख दीजो लाडो प्यार से
घर में वो पलेगी
किसी के हाथों का खिलौना
या हवस का शिकार ना बनेगी।

लिख दीजो स्वतंत्र होकर वह
गली बाजार में फिरेगी
किसी की गंदी नजरों का
निशाना ना बनेगी
लिख दीजो पढ़ लिख कर
अफसर वह बनेगी
किसी के टुकड़ों पर
हरगिज़ न पलेगी।

लिख दीजो ससुराल में
इज्जत बहुत पाएगी
दहेज ना ले जाने पर
जलाई नही जाएगी
लिख दीजो दो-दो घरों की
रानी वह कहलाएगी
मायके और ससुराल में
इज्जत से आए जाएगी।

हे प्रभु ! परमात्मा
किसी पिता की आंखों में
आँसू ना दीजो
बेटी ब्याहने के लिए
उसे कर्जदार ना कीजो
बहू भी बेटी है सभी के
मन में यह भर दीजो
हे प्रभु ! परमात्मा
हर घर में बिटिया दीजो।