जिंदगी

जिन्दगी इस कदर बेवफा हो जाएगी
ये तो कभी सोचा ना था
इस कदर राह में दामन छुड़ाएगी
ये भी कभी सोचा ना था
उड़ती थी मस्त परिंदे की तरह गगन में
कभी जा पहुँच जाती थी किसी हसीं चमन में
जिन्दगी अपने पर कटवाएगी
ये कभी सोचा ना था।
जो चाहा
जिन्दगी में पा लिया था
अपनी जिन्दगी से
भरपूर प्यार किया था
जिन्दगी रूसवा होगी
ये कभी सोचा ना था।

लम्बी उड़ान भरी मंजिल भी पा ली
जो जो खुशी मिली सब गले लगा ली
राह में भेड़िये भी मिलेंगे इस कदर
ये कभी सोचा ना था।

रूह जिस्म से मिलकर बहुत हैरान थी
हालात जिस्म का देख रूह काँप जाएगी
जिस्म की तौहीन होगी इस कदर
ये कभी सोचा ना था।
जिस्म का होगा ऐसा हश्र
ये कभी सोचा ना था।