प्रकृति के सौन्दर्य का जीवंत चित्रण रेणु शर्मा शोभनीय रूप रंग रंगीली कायाकल्पना तेरी करने मे मेरा मन भाया । हरियाली सी है तेरी कायातेरी हर अदा पर मन है आया। सुंदरता तेरी मनमोहक धरा को भायी।धरा भी खिल खिलायी । पशु पक्षी मनुष्य सबको भायी तेरी काया।तेरे हर परिवर्तन शील व्यवहार पर मन है आया। सर्व संसार मे तू है छायीतेरी वजह से मानव प्रजाति आयी। प्रकृति कर रही हूँ तेरी पुकार तेरे अस्तित्व से बना संसार। कैसे करूँ शब्दों मे तेरी व्याख्यातूने हमेशा हमारा साथ निभाया।