माँ रेणु शर्मा खूबसूरती पे तेरी मैं मारी जाऊँ,तेरी हर अदा पे मैं वारी जाऊँकितनी सुंदर है तू मेरी माँ, तेरे बिन ये जगत ना देख पाऊँ। हर खुशी तेरी मेरी होतीतेरी हर तकलीफ बस तेरी होती तेरी गोद मे सोया मैंनेतेरी हर डांट को प्यार से खाया मैंनेतेरा मुझको लोरी सुनाना, बिन कहेमेरी बात समझ जानातू सब कुछ कैसे कर लेती है माँ। रातों को जग कर मुझे सुलायामुझे हमेशा गले लगाया तुझसे सीखे संस्कारसिखाया हमेशा करो बड़ों का सत्कारतेरे काम अनेक हैं, तेरे नाम अनेक हैंपर मेरे लिए तेरा नाम एक है।