सोंच और विचार धारा मे परिवर्तन लाना होगा

ऐ मानव !
तू स्थिर नहीं परिवर्तनशील है।
इतिहास के पन्नो को पलट कर देख
अतीत के बदलाव वीरता का प्रतीक है॥

अपने जीवन मे नित नए परिवर्तन ला
स्वयं को बदलावों मे डाल।
प्रवाहित जल की तरह बन
संस्कृति के नवीन अध्याय प्रस्तुत कर॥

प्रकृति का नियम है बदलाव हमेशा होता है ।
एक पुराना गाँव भी आधुनिक गाँव बनता है॥

अपनी विचारधाराओं सोंच और प्रवृत्तियों मे बदलाव ला।
पुरातन विचारधारा को त्याग कर
नवीन प्रगति शील विचार अपना॥

जब तक स्वयं मे परिवर्तन नहीं लाएगा।
तब तक न स्वयं बदलेगा
न देश को बदल पाएगा॥

सोच और विचार धारा मे परिवर्तन लाना है।
आदिम युग से उठकर
विकसित और सभ्य समाज मे जाना है॥