जीवन मूल्य

व्यवहार मे परिवर्तन,विचारों मे चिंतन
मुख मुस्कान,हृदय मे रुदन 
मन विचलित,पथ विचलित
अनेक भाव मन की उलझन से विचलित। 

रंग रूप निराली वाणी
विचार चिंतन से प्रभावी वाणी
सोच रखो अपनी ऊंची
अहम मे कभी न डूबे वाणी। 

मर्यादा मे रहकर जीना
पुरुषार्थ से कभी दूर न होना। 

कर्म प्राथमिक होता सबका
सत्य,धर्म पर विश्वास सबका। 

वह मूल शक्ति खड़ी हुई
अपने आलस का त्याग किए
जीवन मूल्य समझना है 
जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहना है। 

पाषाण भी हीरा बनता है
सामान्य मनुष्य भी चमकता है
संघर्ष का होना जरूरी है ।