विकास हो रहा है

आरी चली
आरे पर
पेड़ गिरा
लोग दौड़े
देखो-देखो
रोको-रोको
बचाओ-बचाओ।
कुछ सुना
वो पेड़ काट
रहे हैं।
क्या कहा…!
क्यों काट रहे हैं ?
सुना है
जनता के लिए
काट रहे हैं।
चलो रोकते हैं
आखिर
हम भी तो
जनता ही हैं।
सुनो साहब
पेड़ मत काटना
ये हमारा जीवन हैं
क्यों काट रहे हो
इन्हें ?
ये भी तो हमारा धन हैं।
कौन बोला
गिरफ्तार कर लो उसे,
आम आदमी होकर
आला से
जुबान लड़ाता है।
सुविधाएं भी चाहिए
और
सरकारी काम में
टांग भी अड़ाता है।
खैर…
पेड़ गिर रहे हैं
आरी चल रही है
क्योंकि
इधर से
रेल गुजरने वाली है।