चाँद आयो री

सजाओ सब मिलि कंचन थार
सखी री देखो चाँद आयो री
करो सब सुभग सहज सिंगार
आली री देखो चाँद आयो री।

आयो री चाँद भयो मन हर्षित
पी को सोचि हिया है विचलित
आय गए तोहरे भरतार
सखी री देखो चांद आयो री।

कहाँ गए सखी तोरे सजना
हमरे तो आये लइके कंगना
गावें अंगना मा बईठ मल्हार
सखी री देखो चाँद आयो री।

करै नौकरी गए रे सांवरिया
बाट निहारे मोरी नजरिया
अबहूँ आये न मोरे करतार
सखी री देखो चांद आयो री।

लै बंदूक लगावत हैं फेरा
मोरे सैंया का सीमा पे डेरा
रक्षा राम जी करैं सरकार
सखी री देखो चाँद आयो री।

खट खट बाजि रहा दरवाजा
जानौ आय गए मोरे राजा
लाये चूड़ी सेनुरा हार
सखी री देखो चांद आयो री।

सजाओ सब मिलि कंचन थार
सखी री मोरा चाँद आयो री
करो सब सुभग सहज सिंगार
आली री देखो चाँद आयो री।

देखो जी मोरा चाँद आओ री
गले का हार लायो री
सजनवा लौटि आयो री
सखी री देखो चाँद आयो री।।