उद्देश्य सुनीता गोंड जीवन का उद्देश्य वहीजिसमें निश्वार्थ सा भाव।जग में सबका हित होता जायेह्दय किसी का दुःख ना पाये।करूणा ही करूणा बन जायेद्वेष क्लेश सब मिट सा जाये।मन में बस समभाव समायेप्रण मेरा अविचल हो जाये।निरर्थक ना हो विश्वास हमारासार्थक हो जाये जीवन हमारा।