उद्देश्य

जीवन का उद्देश्य वही
जिसमें निश्वार्थ सा भाव।

जग में सबका हित होता जाये
ह्दय किसी का दुःख ना पाये।

करूणा ही करूणा बन जाये
द्वेष क्लेश सब मिट सा जाये।

मन में बस समभाव समाये
प्रण मेरा अविचल हो जाये।

निरर्थक ना हो विश्वास हमारा
सार्थक हो जाये जीवन हमारा।