उदास ना हुआ करो

ऐसे उदास ना हुआ करो
हर बात को दिल से ना लिया करो,
दिल में बसते है ख़्वाब अनेक
दिल को बेवजह दुःख ना दिया करो।

कभी अपनों से भी गिला किया करो
उन्हे भी अपने गम में शामिल किया करो,
खुशियाँ तो हर कोई बाँट लेता है
कभी गम भी बाँटने की जिद किया करो।

हर दिन एक अरमान सा जगाया करो
अपने हँसी का गुलिस्ताँ लुटाया करो
भीगे कितने भी ज़ख्म दरियाओं के चोट से
उन ज़ख्मों को अपनों से ना छुपाया करो।