हुआ सवेरा मिटा अंधेरा

हुआ सवेरा मिटा अंधेरा
यह नयनों की हकीकत है
परंतु पूर्ण नही यह सच्चाई
जीवन ने मुझे यही बात समझाई।

भूखे को रोटी मिले
मिले गरीब को तन पर कपड़ा
प्यासे को पानी मिले
आमदनी में ना हो कोई लफड़ा।

बहन को भाई का प्यार मिले
माँ बाप को औलाद का सुख
हर लड़की को मिले सत्कार
बुढापे में फिर कैसा दुख!

आपस मे हो भाईचारा
हर धर्म का हो सम्मान
सभी त्योहार बने अपने
एक दूसरे का हो पूरा मान।

बेईमानी लूटपाट और चोरी हो बंद
दहेज बलि और बलात्कार का हो खात्मा
महिलायें और बेटियाँ रहें खुश
सब की खुशहाली लाए परमात्मा।

मेरे भारत का नाम हो ऊँचा
पूरे विश्व मे छाये शांति
पशु पक्षियों का हो कल्याण
मिटे जग से सारी भ्रांति।

यह सब सपने हो सच्चे
तब हम माने पूर्ण सच्चाई
हुआ सवेरा मिटा अंधेरा
नयनों की हकिकत है।

हुआ सवेरा मिटा अंधेरा
हुआ सवेरा मिटा अंधेरा।