परिवार की छाँव

परिवार की छाँव में ही है अच्छे संस्कार
जहाँ होता है बजुर्गो का आशीर्वाद और प्यार
बच्चे भी करते हैं बड़ो का सत्कार
बहुत जरूरी है एक दूसरे का सम्मान और दुलार।

परिवार की छाँव में ही मान और मर्यादा
जहाँ दुख दर्द कम और सुख शान्ति ज्यादा
आपस में तालमेल और रखे नेक इरादा
हमेशा रहे आपस में सहयोग का वादा।

परिवार की छाँव में ही है गर्व की भावना
क्रोध लोभ और क्लेश की नही कोई संभावना
ईमानदारी और परोपकार की हमेशा करते कामना
सदा करते भला और सच्चाई का सामना।

परिवार की छाँव में ही है हमारी जान
हम लोगों की शान की यही पहचान
पूरे समाज में मिलता मान सम्मान
“मोहन” कहे बन तू परिवार की आन और बान।