मेरी अभिलाषा

चाँद पर हो घर मेरा
ताजगी और ठंडगी का हो सवेरा
तितलियों और भवरों का हो डेरा
ना कोई तेरा ना कोई मेरा
सब का हो रैन बसेरा
सब जीव हंसी खुशी से झूले
नाचे गाये और मस्ती से फूले
ना कोई गिला ना कोई झगड़ा
हर कोई अपने काम में तगड़ा
सजे बगीचा फल फूल और कलियों मे
महल बने हो बड़ी बड़ी गलियो में
ना कोई सर्दी ना हो गर्मी का कहर
ताजी हवा और शीतल रहे चारो पहर
सब तरफ हो हरियाली कही रहे ना सूखा
हर जीव को खाना मिले कोई रहे ना भूखा
चाँद पर हो घर मेरा
ताजगी और ठंडगी का हो सवेरा।