माँ के आँसू

चलो माँ आँसू पोंछो
अब बापू ना आयेगे
लाज का घूंघट ढाल बना लो
अहंकार का तिलक लगा लो
स्वाभिमान की तान के चादर
खुद मे खुद को सुदृढ बना लो
चलो माँ आँसू पोंछो
अब बापू ना आयेंगे।

अपनी ताकत को पहचानो
अपमान को दवा बना लो
अश्रुपूर्ण अँखियों को
जीने का संबल बना लो
चलो माँ आँसू पोंछो
अब बापू ना आयेंगे।

मत परोसो खुद को यूँ
जैसी नारी संवेदना विहीन
लाज बचाने को अपनी
स्वयं की ताकत अर्जित कर लो
चलो माँ आँसू पोंछो
अब बापू ना आयेंगे।

मत झूलो नियति की वेदी पर
अपनी इज्जत आप बचा लो
कपाल पर स्वाभिमान तिलक से
वीर योद्धा की मुहर लगा लो
चलो माँ आँसू पोंछो
अब बापू ना आयेंगे।
चलो माँ आँसू पोंछो।