मेरी बेटी है मेरा अभिमान
मेरी बेटी है मेरा अभिमान
हमारे घर की आन बान और शान
हम सब परिवार की प्यारी सी जान
हमें है इस पर बहुत मान
पूरे परिवार का बढ़ाती है सम्मान।
मम्मी पापा से लेती हमेशा दुलार
भाइयों को भी करती खूब प्यार
नानी दादी से लेती अच्छे संस्कार
पढ़ने लिखने में भी सबसे होशियार
बेटी नही जैसे है माँ लक्ष्मी का अवतार।
खेल-कूद और शिक्षा की है लगन
अपने हर काम में रहती है मगन
छोटे बड़े का करती लिहाज
ना कभी गुस्सा ना कभी नाराज
पूरे घर पर करती है जैसे राज।
पढ़ लिख कर बन गई है डाक्टर
मेरे ही हास्पिटल की है अफसर
सारे परिवार का किया ऊँचा नाम
‘मोहन’ को है अपनी बेटी पर मान
मेरी बेटी है मेरा अभिमान।