उम्मीद

फिर खिले अमन चमन
अगन मगन हो हर वीर
कांधे न हो आक्सीजन
बच्चे बिन बैग अधीर।
गली गली हो वैन स्कूल
एंबुलैंस ना दिखे तीर।
सब दुकाने कतारे
दवाखाने ना भीड़
काढ़ा ना चाय चुस्की
हो अच्छी तकदीर
बेख़ौफ सभी घुमे
संग रहे तदबीर।
फिर से खिले चमन
सुरम्य हिंद तस्वीर
फिर से भारत माटी
हो चंदन और अबीर।

टैरेस न मंदिर में
दादी चढ़ावे नीर
हाथ ना कैरम लूडो
बच्चे बिन बैट अधीर।
सन्नाटो से पिंड छूटे
हो चहल पहल भीड़
सारी पाबंद हट जाए
मन हो ना सकल अधीर।
हिल मिल कर सब रहे
गाँव शहर घर वीर
तज सपन बीते बुरे
नैना खुशी नीर।
फिर से खिले चमन
सुरम्य हिंद तस्वीर
फिर से भारत माटी
हो चंदन और अबीर।