ये गीत तुम्हारा है

मै गा रहा हूँ ये गीत तुम्हारा है
हर एक लफ्ज और संगीत तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।
मै तो हूँ इक चंचल चितवन
रखता हूँ कोमल मन और हृदय
जिस पर अधिकार तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।
याद आती है मीठी मीठी बातें
वो पूनम चांद की शीतल रातें
मै गा रहा हूँ ये गीत तुम्हारा है
हर इक लफ्ज और संगीत तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।
वो वादे तुम्हारे प्रेम पथ वाले
सब स्वपन मात्र थे वो भी काले
मेरे हृदय पर हर वार तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।
मै गा रहा हूँ ये गीत तुम्हारा है।
मैने तुम्हें ही अपना प्यार माना
तुम्हें ही अपना अभिमान माना
यह कैसा व्यवहार तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।
‘मोहन’ गा रहा गीत
हर एक लफ्ज और संगीत तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है
यह उपहार तुम्हारा है।