हिन्दी

क्यों तुमको भारतीयों !
यह बात समझ नही आती
क्यों तुमको भारतीयों !
यह बात अंदर से नही खाती
घर की मुर्गी दाल बराबर,
दूसरे की महंगी पड़ जाती।

हिंदी को न घर की मुर्गी समझो
दूसरे की मुर्गी तुम्हारा
स्वतत्व छीन ले जाती।
राष्ट्रप्रेम नही अन्य भाषा में
ममत्व,
नही भाषा अन्य दे पाती
हिंदी को कई महान लोगों ने अपनाया
भारत की जनता
हिंदी को क्यों नही अपनाती।

आवाज क्यों इतनी
कमजोर तुम्हारी
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा
क्यों नही बन पाती।
और भी हैं महान
हैं केवम हम नही
हिंदी हमें रोज
यही सिखलाती।

मेरा नही कुछ
खास योगदान
बढ़ाने में हिंदी को
बस यही बात मुझे
अंदर से रोज खाती।