क्षणिक देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत' जवाब सीधा है सरल हैपीछे कई कठिन सवाल हैक्षणिक जो भी हैएक लंबा संघर्ष है अंतराल है।मुस्कुराहटेंजो प्रतिमान हैंदिव्यता की पहचान हैंअंतस में समेटे हैंपीड़ा के कई महासिंधुयूँ ही नही हैज्योतिर्मय मधुमय मुख-बिंदु।