स्त्री कंचन वार्ष्णेय मै एक स्त्री हूँहर दर्द सहती हूँफिर भीमुस्कुराती हूँ।मै एक स्त्री हूँहर पल टूटती हूँहर पीड़ा झेलती हूँफिर भीमुस्कुराती हूँ।मै एक स्त्री हूँबेहिचक स्पष्टीकरणकरती हूँ, थोड़ी बोल्ड हूँसंकोच नहीं करती हूँ।मै एक स्त्री हूँहर तकलीफ़ सहती हूँफिर भीमुस्कुराती हूँमै निष्ठावान हूँपाखंडी नही हूँ।खुद को ही खुद सेजीतना चाहती हूँ।मै एक स्त्री हूँहर पीड़ा झेलती हूँफिर भीमुस्कुराती हूँहाँमै एक स्त्री हूँ।