मै, मै ही हूँ। चाहे जैसी भी हूँ खुद से नाराज़ भी हूँ खुद से खुश भी हूँ मै, मै ही हूँ।
मै खूबसूरत नहीं हूँ पर आत्म विश्वास से भरी हूँ, खुद को खुद से जोड़ती हूँ, मै, मै ही हूँ।
मुझे नहीं परवाह किसी की मै अपने पसंद की जमीं चुनती हूँ मै, मै ही हूँ।
सूख चुकी उम्मीदों को फिर से सींचूँगी नव कोंपल ज्यों उगती हो जैसे खुद को ही खुद से चुनती हूँ मै तो बस मै ही हूँ। अपना नसीब भी खुद बुनती हूँ मै, मै ही हूँ।