तुम जोड़ना सीखो

तोड़ते तो सब हैं
तुम जोड़ना सीखो।

मानवता वही
जो दिलों को जोड़े
बिखेरते तो सब हैं
तुम समेटना सीखो।

श्रेष्ठ खुद को मानना
श्रेष्ठ होता नहीं
कटाक्ष करे जो
वो कवि होता नही
काटते तो सब हैं
तुम मिलाना सीखो।

मैं को अपने अंदर
रख कर तुम प्रबुद्ध नही
उस मैं के अहम से
तुम निकलना सीखो।

मधुर बनो,
कोमल बनो
समय की मांग के अनुरूप
मन को मिलाकर
तुम ढलना सीखो।

तुम सुवासित पुष्प की
की भांति खिलखिलाना
और मुस्करा कर
सुगंधित हो,
मधुमास करना सीखो।

तोड़ते तो सब हैं
तुम जोड़ना सीखो।
तुम जोड़ना सीखो।