तेरे साथ रहे हैं हम कंचन वार्ष्णेय जिंदगी की जंग मेंकभी हारे कभी जीतेए जिन्दगी फिर भीतेरे साथरहे हैं हम।जीने की जिजीविषा सेजूझते रहेहालातों से कभीटूटे नही हमए जिन्दगीफिर भी तेरे साथरहे हैं हम।अनेकों झंझावात सेलड़ते रहे हरदमए जिन्दगीफिर भी तेरे साथरहे हैं हम।मौत आई थी मगरपुकार कर चली गईजिंदगानी में मगरजिंदगी देकर गई,सामना करते रहेझुके नहीं कभी हमए जिन्दगीफिर भी तेरे साथरहे हैं हम।गम नही अब हमें कोईकौन साथ रहे,कौन छूटेहम तो मौत के भीपास आकरजीते रहे हैं हमए जिन्दगीफिर भी तेरे साथरहे हैं हम।