वो स्त्री है सब सह लेती है

दर्द दिल में ही दफन कर लेती है
वो स्त्री है सब सह लेती है
प्यार करती है जिससे भी
सब उसपे लुटा देती है
उफ़ नही करती कभी
अपना मन भी बांट लेती है
वो स्त्री है सब सह लेती है।

घर भी संभाल लेती है
बच्चे भी पाल लेती है
जॉब भी करके तालमेल
बिठा लेती है जो
मन मार कर अपनी
अभिलाषा पूरी नही करती
बच्चों को ही सब कुछ अपना
वार देती है जो
वो स्त्री है सब सह लेती है।