सब पति प्रेमी नही होते

सब पति प्रेमी नही होते
देते नहीं वो कोई सुख
मार खाती वो औरतें,
सहती हैं सब कुछ
जिनके बाजुओं पर निशान है
जिनकी पीठ होती लाल है
उसका पति प्रेमी नहीं है
बस हक जताता है
पति होने का रौद्र रुप
दिखाता है
ख़ुद शराब में उड़ाता है
जगह जगह मुंह मारता है
कितनी औरतें
प्रेम में जली हैं?

हां, तेजाब डालने वाले भी नहीं होते प्रेमी,
वे भावी पति हैं।
रात रात भर नोचने वाले पति
क्या प्रेमी होते हैं ??
नहीं, वो सिर्फ हवस मिटाते हैं
दो वक्त की रोटी देना किसी को,
प्रेम नही हैं,
काम के बदले मिलने वाला भुगतान है
जैसे हर शब्द का मतलब वही नही होता
हर छूअन का मतलब छूना नहीं होता,
उसी तरह
सिंदूर का मतलब प्रेम नही होता
सात फेरों के बंधन में
बंधने से प्रेम नही होता
वेदना से लिपटी हुई स्त्री
पति के दंश को सहती है
उससे अच्छी तो एक
विधवा स्त्री होती है
पति के दंश से
मुक्त वो होती है..।