अमर नाथ सिंह 'मोही'
जब साहित्य को पढ़ना शुरू किया तो लगा कि मेरा ही दर्द हर कहानी में लिखा है,मै अपनी ही कहानी पढ़ रहा हूँ और अंतस में प्रेरणा हुई कि क्यों न अपनी ही व्यथा-कथा लिखूँ । फिर मैंने एक उपन्यास लिखा-“रूठे काजल टूटे घुँघरू”, जो प्रकाशित नही हो सका । जब गद्य लिखने के लिए लेखनी उठाया तो कविता सृजित होने लगी । अपनी कविताओं को संकलित किया तो कन्या इंटर कॉलेज,बगड़,जनपद-झुञ्झुनूँ (राजस्थान) की प्रधानाध्यापिका आदरणीया श्रीमती पुष्पा रघु जी के सम्पादन में मेरी काव्य पुस्तक “पीर कांधे पर लिए” प्रकाशित हुई ।
परिचय
नाम :- अमर नाथ सिंह ‘मोही’
पत्नी का नाम :- स्व० विद्यावती सिंह
जन्म तिथि :- 28/08/1947
शिक्षा :- 12वीं तक
पता :- ग्राम-बाहरपुर कलाँ, पोस्ट-ऊंचगांव (बालवरगंज), जनपद-जौनपुर पिन कोड-222201
प्रकाशित काव्य पुस्तक :- पीर कांधे पर लिए, तुमने कहा था, प्रणय बेलि, स्त्री-अस्तित्व का संघर्ष (साझा काव्य संग्रह)
अप्रकाशित पुस्तक :- रूठे काजल-टूटे घुँघरू (उपन्यास), मन ही मंदिर, मन मधुशाला