चिड़िया के बच्चे

जब चिड़िया के बच्चे
हो जाते बड़े,
आसमां में उड़ जाते हैं
छोड़ माँ को अकेला
फुर्र वो हो जाते हैं।
हाल कुछ ऐसा ही है अब
बच्चे हो कर बड़े,
माता को छोड़
अपने आप में व्यस्त
हो जाते हैं
माँ की ममता को
ठुकराते हैं।
दूध पी कर बड़े हुए जो
उसको ही भूल जाते हैं
अपने आगे चलने नहीं देते
ख़ुद पर ही घमंड से
इतराते हैं।
बड़े जो वो हो जाते हैं
सपनों की दुनिया में अपनी
माँ को ही दुत्कारते हैं
वो माँ जो अपने सपने
छोड़ कर लालन पालन
करती है इनका,
उसे खून के आंसू ये
रुलाते हैं।
अब न रही उपयोगिता माँ की,
बच्चे अपने ही जीवन में
मगन हो जाते हैं
गलत कार्य करके भी
सीना तानकर वो
खड़े हो जाते हैं।
कैसी है ये सभ्यता
कैसी है ये संस्कृति
पश्चिमी सभ्यता में पलकर
आज के बच्चे क्यों
इतना इतराते हैं !!