मन आहत है रोम रोम में अकुलाहट क्यों हो रहा आखिर ये सब होगा क्या इससे हासिल क्या पा लेंगे और क्या खो देंगे नही भनक ये किसी को, दिल रोता है मेरा हालात ऐसे भी होंगे हम क्यो बिखर गए जो नही होना था वो हो रहा आम आदमी पिस रहा हां, आम आदमी पिस रहा दिल आहत है मन में अकुलाहट है मन आहत है।