कंचन सी मधुर होती हैं बेटियां स्वभाव से कोमल होती हैं बेटियां कमाल की अद्भुत होती हैं बेटियां सहन शक्ति से भरपूर होती हैं बेटियां एक नही दो दो घरों की लाज होती हैं बेटियां दूसरों को प्रभावित कर लेती हैं बेटियां घर आंगन की फुलवारी होती हैं बेटियां नीम की छाया सी होती हैं बेटियां नरम बिछोने सी नर्म मुलायम होती हैं बेटियां कोयल सी कूकती हैं मधुर स्वर से बेटियां मेरे एहसास में रची बसी हैं बेटियां मेरे घर में कभी बहू के रूप में आएंगी किसी के घर की बेटियां बना कर रखूंगी उनको अपना, सीने से लगा कर रखूंगी वो बेटियां।