आज़ादी का अमृत महोत्सव

चलो आज हम कलम उठाएं,
आज़ादी का जश्न मनाएं।
लिखें तिरंगे की हम कहानी,
कैसे खून बना था पानी।

जुल्म सितम ढाया था कैसे
लोगों को बरबस याद दिलाएं,
चलो आज़ादी का जश्न मनाएं।
दुनिया की बेमिसाल गाथा की
लिख दें हम वो एक कहानी,
पसीने में नहाया था
कैसे खून बहाया था,
आजादी के मतवालों ने
अपना रंग दिखाया था।
गली गली कैसे कैसे अंग्रेजों को
मार भगाया था।
शीश कटाए कितनों ने,
कितनों ने जान गंवाई थी !
चलो आज हम कलम उठाएं,
आज़ादी का जश्न मनाएं।
बच्चे बच्चे को हम ये सुनाएं
चलो आज हम कलम उठाएं
आज़ादी का जश्न मनाएं ॥