पता

जिंदगी की भी अपनी औकात है,
स्नेहिल छवि से रखा था वास्ता ।
आमंत्रण पर धूल के हालात हैं,
मिसाल कवि लिए कुछ है तलाशता ।।

एतबार नहीं करते बहके ख्यालात हैं,
इंतजार करने में समीप ही दासता ।
कहीं बरसात और कहीं जंगलात हैं,
इज़हार हेतु शब्द को अर्थ पता ।।

खिलौना नहीं हम और जज्बात है,
बिदाई रस्म में कहीं है लापता ।
आजमाता वारदात और गुनगुनाते करामात हैं,
मुहब्बत की आग में समर्पण रास्ता ।।

अंगराई अश्क बहने में अज्ञात है,
अदृश्य मंजिल का शूल न घटा ।
ख्वाब किताबी गुलाब तक खैरात है,
सवालात के जवाब में आसमान फटा ।।

हवा से आघात भी साक्षात है,
धूप के मंजर से गहरा रिश्ता ।
कभी रात और कभी प्रात है,
गिरने से बचने में चल आहिस्ता ।।