शर्त

चल रहा यहां हर इन्सान शर्तों पर
बचपन से सुनते आ रहे हैं, लगी शर्त
कभी खेल मे शर्त, कभी मेल में शर्त
मिलना चाहो तुम तो बस शर्तों पर
प्यार हो, इकरार, इन्कार भी शर्तों पर
जीवन की डोर से बंधना भी शर्तों पर
जीवन साथी, हो जीवन संगिनी शर्तों पर
जीवन गुजा़रना भी है तो भी है शर्तों पर।

ये मेरा है, ये तेरा है, हर बात की लगी शर्त
ना तुझे दूंगा ना कभी कुछ लूंगा, लगी शर्त
धन तेरा हो या मेरा हो इसमे भी लगी शर्त
मकान तेरा या बंगला मेरा यहां भी लगी शर्त
बेटा होगा नही बेटी होगी लगा ले यहां भी शर्त
काम करेगा बेटा या नौकरी करे यहां भी शर्त।

कौन रखेगा माँ को बस अब यही रह गई शर्त
पिता किसके हिस्से में आये, बता दो ये भी शर्त
परिवार बिखर गये अपने हुए जुदा रही एक शर्त
‘राजन’ क्या रखा इस दुनिया में चल दूर कही
यहां तो मरने पर भी लगती है कम्बख्त ये शर्त ।