उलफ़त

जमाने भर की खुशी देने का वादा किया था मैंने
एक मुस्कान भी उसके होठों पे ला नही पाया कभी।

ए जिंदगी तुझको तेरी खुशियाँ मुबारक हो
मेरे लिए ग़म के सहारे बहुत हैं ।

दुनियावालों के दिलासों पर भरोसा नहीं मुझको
इनके रहमो ने उजाड़े आशियाने बहुत हैं ।

मेरे हमराज़ तुझे इस हाल मे तड़पता छोड़ दूँ कैसे
तुझसे मेरी उलफत के फसाने बहुत हैं ।

चाँदनी साथ न दे भी तो कोई बात नहीं
मेरे दामन मे चमकते सितारे बहुत हैं।