नाकाम

दुनिया की नजर मे भले नाकाम कहलाऊंगा
टूटे हुए दिलों के पर काम तो आऊँगा
खिला न सकूँ कोई गुल तो क्या हुआ
गुलशन ए बहार का पैगाम तो लाऊँगा
मझधार मे कश्ती का तूफान ही सहारा है
अब तूफानों को ही अपना हाल बताऊंगा
बेफिक्र होके मेरे कातिल शहर मे आना
मै अपनी जुबां पे तेरा नाम न लाऊँगा ।