तिश्नगी देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत' जाने कब खत्म होगी दस्ताने तिश्नगीजिंदगी का बोझ अब और नही उठाया जाता।सब कुछ ठीक है कहीं कोई तकलीफ नहीये झूठ हमसे अब और नही सुनाया जाता।मत करो कुछ जतन भरम और बढ़ जाएगाएक आइने को यूं आइना नही दिखाया जाता।मैं अकेला नहीं मुझमें शामिल हैं और कईसोचकर जिंदगी से दामन नही छुड़ाया जाता।‘विनीत’ नजरिया गलत है तरीका सही नहीसाथ ऐसे जिंदगी का नही निभाया जाता।