अमिताभ

तू क्यों करता विलाप ?
तेरा क्या हो गया विनाश ?
तू क्यों है निराश ?
तुझे करना है विकास
तू उठ रे,उठ अमिताभ।

मन मे जागकर राग
लेकर हृदय अनुराग
खोल बुद्धि विभाग
तू जाग रे जाग!
तू उठ रे,उठ अमिताभ।

अब छोड़ दे पश्चाताप
तेरा अनुपम है प्रताप
तुझे करना नहीं विश्राम
हानि मिले या लाभ
तुझे चलना है अमिताभ।

ऐश्वर्य से होगा मिलाप
तू छोड़ दे विलाप
तुझे चूमेगा आकाश
अभिषेक करेगा आभ
तू चलकर तो देख अमिताभ।

जिसका मिटे ने प्रकाश
जिसका रुके न विकास
जिसका अनुपम है उल्लास
तू कर यह आभास
इसे कहते हैं,अमिताभ।