आशा की किरण

हम जीत जाएंगे,
फिर से नया सबेरा होगा ।
नव प्रभात के,
किरणों का घेरा होगा ।।
रौनक़ लौटेगी शहरों में,
खुशियाँ आएंगी अधरों पर
उर में खुशहाली का,
फिर से डेरा होगा।
हम जीत जाएंगे,
फिर से नया सबेरा होगा ।।

बच्चे विद्यालय जाएंगे,
फिर गीत खुशी के गाएंगे ।
खुशियाँ लौटेगी गांवों में,
विहग वृंद फिर राग भरेंगे ।
कोयल कूकेगी बागों में,
डाली डाली फूल खिलेंगे ।
अपनों से हम फिर मिलेंगे ।
वीर प्रसुता धरा हमारी,
छँट जाएगी अंधियारी ।
अपने आंगन में,
फिर से नया सबेरा होगा ।
हम जीत जाएंगे,
फिर से नया सबेरा होगा ।
नव प्रभात के,
किरणों का घेरा होगा ।।

सुनापन गलियों से,
फिर मिटेगा,
सड़कों पर टूटेगा सन्नाटा ।
मंदिर मंदिर होगी पूजा,
सभी करेंगे सैर सपाटा ।
गाँव गाँव में,
फिर से खुशियों का बसेरा होगा ।
हम जीत जाएंगे,
फिर से नया सबेरा होगा ।
नव प्रभात के,
किरणों का घेरा होगा ।।