पंछी करे पुकार

हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
हमको बस उड़ते जाना है ।
कभी डाल पर, कभी मुंडेर पर,
अपने बस गानें गाना है ।
मन में आजादी के सपनें,
सुर में यही तराना है ।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
हमको बस उड़ते जाना है ।

मत छीनो हमसे आजादी,
ना मेरा घर बर्बाद करो ।
मेरी संतति संकट में है,
मेरी वंश वृद्धि निर्बाध करो ।
हे मानव तुम हो मनु के वंशज,
अपने पुरखों का मान करो ।
हमको देकर अभयदान,
अपनी कीर्ति महान करो ।
हम उन्मुक्त विचरने वाले,
नील गगन की ऊंचाई तक,
अपने पंख फैलाना है ।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
हमको बस उड़ते जाना है ।।

वृक्षों को तुमने काट काट,
ताल तलैया को पाट पाट,
छीन लिया मेरा आश्रय,
हम कहाँ बनाएं अपना नीड़ ।
हम किसे सुनाएं अपनी पीड़ ।
हम उन्मुक्त विचरने वाले,
ना रोको तुम मेरी उड़ान।
ना रोको मेरी कलरव गान ।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
हमको बस उड़ते जाना है ।

मन में आजादी के सपनें,
सुर में यही तराना है ।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
हमको बस उड़ते जाना है ।।

विशेष-पृथ्वी पर मानव गतिविधियों और जंगलों के विनाश की वज़ह से कई पशु पक्षी विलुप्त हो गए हैं । सन 1500 ई0 से अब तक पक्षियों की 190 प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी है । विलुप्त होने की यह दर बढ़ती हीं जा रही है, हवाईद्वीप के लगभग 30% पक्षियों की प्रजातियाँ नष्ट हो चुकी है। इसी तरह गुआम द्वीप पर तो पक्षियों की 60% प्रजातियाँ सिर्फ़ 30वर्षों के दौरान ही विलुप्त हो गई है । विश्व में करीब 10000 प्रकार की पक्षियां पाई जाती है, इनमें से कुल 1200 प्रजातियाँ ऐसी है जो कि विलुप्त होने की कगार पर है, इन प्रजातियों को संकट ग्रस्त घोषित किया जा चुका है । जो रेड डेटा बुक में सूचीबद्ध किए गए हैं ।