एक प्रेयसी की वेदना

तू जाता है तो जा
तेरे जाने का मुझे दुःख नहीं,

मेरी जिंदगी में तू
मेरे सांसों से ज्यादा कुछ नहीं ।

क्या होगा जो तू चला जायेगा
मुझे छोड़कर ,
मेरा दिल तोड़कर,
हमसे मुंह मोड़कर ?
तू भले खुश हो जायेगा
किसी और से रिश्ता जोड़कर ,
पर मैं तो मरूँगी भी तेरे नाम की चुनरी ओढ़कर।
तू जाता है तो जा तेरे जाने का मुझे दुःख नहीं,
मेरी जिंदगी में तू मेरे सांसों से ज्यादा कुछ नहीं ।

हमें मालूम है
तू मुझे हासिल नहीं होगा ,
पर मेरे जीते-जी मेरे दिल में
कोई दूसरा दाखिल नहीं होगा।
तू जाता है तो जा तेरे जाने का मुझे दुःख नहीं,
मेरी जिंदगी में तू मेरे सांसों से ज्यादा कुछ नहीं ।

कई कमियां गिनाई थी
लोगों ने तुझमें
फिर भी मैंने सराहा था,
तुमने मेरे जिस्म से मोहब्बत की
मैंने तुम्हें रूह से चाहा था।
तू जाता है तो जा तेरे जाने का मुझे दुःख नहीं,
मेरी जिंदगी में तू मेरे सांसों से ज्यादा कुछ नहीं ।

मेरा तन तो अब बेजान है,
बस कुछ पल का मेहमान है,
ये है पता तुम्हें भी
कि हम दो जिस्म एक जान है ।
तू जाता है तो जा तेरे जाने का मुझे दुःख नहीं,
मेरी जिंदगी में तू मेरे सांसों से ज्यादा कुछ नहीं ।