आईना

आदमी को देखकर आज आईना हैरान है,
एक आदमी के कई चेहरे हैं,
सभी चेहरे में राज गहरे हैं,
चेहरे पर चेहरे को देखकर परेशान है।
आदमी को देखकर …
आदमी आईने के सामने जाने से कतराता है,
क्योंकि आईना केवल सच दिखाता है।
खुद के अंदर झाँकना कौन चाहता है आज ?
इसलिए आदमी चेहरा छुपाता है।
आईना जब सच दिखाता है,
आदमी उसपर झुंझलाता है।
गुस्से में आकर आईने को तोड़ता है,
पर आईना सच दिखाना नहीं छोड़ता है।
चेहरा जिसमें छल-कपट लालच बसता है,
आईना आज आदमी को देखकर हँसता है।
सबकुछ जानबुझ कर आदमी अनजान है।
आदमी को देखकर आज आईना हैरान है,
चेहरे पर चेहरे को देखकर परेशान है।