श्री गणेशा

परिक्रमा कर माता-पिता की प्रथम पूज्य कहलाये,
मूषक है इनकी सवारी लड्डू मन को भाए।

आपने जिस तरह माता-पिता को मान दिया,
माता-पिता परमपूज्य हैं दुनिया को यह ज्ञान दिया।
अखिल ब्रह्माण्ड में उन्हें सर्वोच्च स्थान दिया,
माँ की आज्ञा पालन हेतु अपना शीश दान दिया।

बसे रहें मेरे हृदय में इसी तरह हमेशा,
एकदंत, विघ्नहर्ता, जय-जय श्री गणेशा।