दर्द-ए-दिल

रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।

प्यार हमने किया तुमने धोखा दिया,
हसीनों से दिल लगायें जी करता नहीं।
रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।

हर रोज खड़ा होता था आईने के सामने,
आईना टूटा है जबसे संवरता नहीं।
रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।

अभी-भी तेरा ही नाम है मेरे लबों पर,
मेरे सीने की धड़कन ठहरता नहीं।
रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।

सलामत रहे तू जहाँ भी रहे,
चला जाऊँ मैं दुनिया से डरता नहीं।
रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।

अपने हाथों से आकर तू दे जा जहर,
अटक जाती है सांसें मैं मरता नहीं।
रातें कटती नहीं दिन गुजरता नहीं,
ज़ख्म ऐसा दिया है जो भरता नहीं।