तुम्हें लगता है मैं नया साल हूँ, किन्तु सच ये है, मैं काल हूँ, मेरे गर्भ में क्या पल रहा ? है मुझे भी नही पता ! तुम्हारे उम्मीदों के बोझ से मैं खुद बेहाल हूँ। तुम्हें लगता है मैं नया साल हूँ, किन्तु सच ये है, मैं काल हूँ।
जो व्यतीत हो गया वो अतीत हो गया, कोई बिछड़ा तो कोई मनमीत हो गया, किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिये मलाल हूँ। तुम्हें लगता है मैं नया साल हूँ, किन्तु सच ये है, मैं काल हूँ।
अभी तुम खुश हो ये पल अनमोल है, खुशियाँ बांटने से बढ़ता मेलजोल है, कल होगा क्या ? मैं हमेशा एक सवाल हूँ? तुम्हें लगता है मैं नया साल हूँ, किन्तु सच ये है मैं काल हूँ।