पराक्रमी सुभाष राजीव रंजन “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा”जिनके शब्द-शब्द आत्मविश्वास से भरे हैं,जो न कल मरे थे न आज मरे हैं।कृतज्ञ राष्ट्र को याद है उनकी अमर कहानी,जो दे गये देश को “आजाद हिंद” की निशानी।जिनके पराक्रम से फिरंगियों के छूटे पसीने,अंग्रेजी सरकार को नहीं दिया चैन से जीने।एक मात्र उद्देश्य था जिनका अपना देश आजाद हो,हमारी आनेवाली पीढ़ियों का भविष्य आबाद हो।अपने मुख से किया “जय हिंद” का उद्घोष,कहलाये ‘नेताजी’ सुभाष चन्द्र बोस।