हाऊ’ज द जोश

ना फूल चढ़ाओ, ना मोमबत्तियाँ जलाओ
सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो, हथियार उठाओ।
घोंप दो खंजर दुश्मनों के सीने में
देखो कितना मजा आता है, शत्रु का लहू पीने में।
मर कर भी सुकून मिलेगा, क्या रखा है जीने में।

हमें शहादत पर गर्व नहीं दुःख है
हमसे कहीं हुई सुरक्षा में चूक है।
कोई तो गद्दार जाकर मिला है दुश्मनों से
हमें उन गद्दारों को कच्चा चबाने की भूख है।

केवल बातें नहीं करो, नहीं करो अब निंदा
बचना नहीं चाहिए अब एक भी बैरी जिंदा।
याद रहे पाकिस्तान को अब ऐसा क़हर बरपा दो

सेनाओं के हाथ खोल इस बार कयामत ला दो।
यही वक़्त है मोदी जी, अब दो दो हाथ हो जाने दो
खरीदा है राफेल उसे अब, सेना को आजमाने दो।

बचपन से हम पढ़ते आये यह कश्मीर हमारा है
बड़े हुए तो समझ में आया यह तो केवल नारा है।
अभी नहीं तो कभी नहीं चलो इतिहास बनाते हैं,
नक्शे पर खींची लकीरों को चलो मिटाकर आते हैं।

आज वक़्त है याद करें हम आजाद भगत और बोस को
मचे बवंडर दुनिया देखे न्यू इंडिया के जोश को।