राजस्थान की धरा इन्द्र कुमार तंवर जहां अमृत की नदियां बहती है,जहां सदा हरियाली छाई रहती है,जहां खुशबू भरी हवाएं चलती है,बगीचों में कोयल गीत सुनाती है,वो है राजस्थान की धरा।चांद आकर चांदनी बिखेरता है,जहां वसन्त आकर मुस्कुराता है,जहां वीरों ने बलिदान किया था,वीरांगनाओं ने जौहर किया था,वो है राजस्थान की धरा ।जहां प्रकृति भी मुस्कुराती है,जहां खेतों में फसलें लहराती है,मिट्टी भी सितारों-सी चमकती हैं,जहां आकर हर खुशी मिलती हैं,वो है राजस्थान की धरा ।