कामयाबी इन्द्र कुमार तंवर यूं ही नहीं बनता बीज पौधाजमीं में खुद को दबाना पड़ता हैजमीं की गर्मी सहन करता हैखुद को फोड़कर कुर्बान करता हैहर दर्द सहन करता है।यूं ही नहीं बनता सोना कुंदनखुद को आग में जलाता हैआग की लपटें सहन करता हैहथोड़े की हर चोट सहता हैहर दर्द सहता है।यूं ही नहीं मिलती कामयाबीखुद को जलाना पड़ता हैमुश्किलों से लड़ना पड़ता हैजिंदगी दांव पर लगानी पड़ती हैहर खुशी कुर्बान करनी पड़ती है।