बहुत कुछ बदलना है इन्द्र कुमार तंवर अभी तो पंख खोले हैंअभी उड़ान तो भरनी हैअभी हौंसला टूटा नही हैअभी इरादे मजबूत हैंअभी मंजिल मिलनी हैअभी बहुत कुछ पाना हैअभी बहुत कुछ बदलना है।अभी तो बीज हूँ,दबकर जमीं मेंपौधा बनना है,अभी तो नदी हूँबहकर महासागर बनना है।अभी तो कलम उठाई हैअभी बहुत कुछ लिखना है,अभी बहुत कुछ बदलना है।