जननी का कर्ज

तू कर ले नमन जननी का
तेरे जीवन का यही आधार है
बिना नमन किये जननी का
तेरा होये न बेड़ा पार है।

नौ दस महीने बोझा तेरा ही
अपनी कोख में लेकर रही
पुत्र की आशा ममता की भूखी
जन्म देने पर पीड़ा सही।
सहन शक्ति की भंडार है ये
ममता में तो महान है ये।

बिन नमन किये जननी का
तेरा होये न बेड़ा पार है।

भूखी रही खुद तुझको खिलाया
अपने पेट का पता नही
कैसे भी मेरा लाल बड़ा हो
सोचा मन का हटा नही
बलिदानों में बलिदान है
कुर्बानी इसकी महान है।

बिन नमन किये जननी का
तेरा होये न बेड़ा पार है।

मेहनत मजदूरी कर करके
उसने तुझको बड़ा किया
अपना सारा जीवन भी
उसने तुम पर लुटा दिया।
ऐसा दुनिया में न कोई महान है
ऐसी जननी को मेरा प्रणाम है।

बिना नमन किये जननी का
तेरा होये न बेड़ा पार है।

यज्ञ भंडारे करता फिरे तू
माँ को सुख कभी दिया नही
जो जन माँ को भुला बैठा
वो जन प्रभु का हुआ नही।
ऋण कभी उतार नही सकता
ये तो तुझ पर रहता उधार है।

बिना नमन किये जननी का
तेरा होये न बेड़ा पार है।